आयोग
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आयोग की शक्तियां

आयोग और संबद्ध गतिविधियां--आयोग की शक्तियाँ

सिविल न्यायालय के रूप में कार्य करने की आयोग की शक्ति

संविधान के अनुच्छेद 338क के खण्ड (5) के उपखण्ड (क) में निर्दिष्ट इसी विषय का अन्वेषण या उपखण्ड (ख) में निर्दिष्ट किसी शिकायत की जाचं करते समय सिविल न्यायालय की वे शक्तियाँ प्राप्त होंगी जो उसे किसी मुकदमें के लिए प्राप्त होती है और विशेषकर निम्नलिखित मामलों में, अर्थातः-

  • भारत के किसी भी भाग से किसी व्यक्ति को ‘समन’ करना, आयोग के समक्ष उपस्थिति के लिए बाध्य करना तथा शपथ पर उसका परीक्षण करना;
  • किसी दस्तावेज़ के प्रकटीकरण और प्रस्तुतिकरण के लिए आदेश देना;
  • शपथपत्र पर साक्ष्य ग्रहण करना ;
  • किसी न्यायालय या कार्यालय से किसी लोक अभिलेख या उसकी प्रति को मंगाना ;
  • गवाहों और दस्तावेज़ों के परीक्षण के लिए कमीशन जारी करना ;
  • कोई अन्य विषय जिसे राष्ट्रपति नियम द्वारा निर्धारित करें।
Vikas Budgethttps://india.gov.in, The National Portal of India : External website that opens in a new windowhttps://www.digitalindia.gov.in/, Digital India Programme : External website that opens in a new window
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