आयोग
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प्रस्तावना

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना अनुच्छेद 338 में संशोधन करके और संविधान (89वां संशोधन) अधिनियम, 2003 के माध्यम से संविधान में एक नया अनुच्छेद 338क अंतःस्थापित करके की गयी थी। इस संशोधन द्वारा तत्कालीन राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को 19 फरवरी, 2004 से दो अलग-अलग आयोगों नामतः (i) राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, और (ii) राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में विभक्त किया गया था। राष्ट्रीय आयोग के ऐतिहासिक मूल्यांकन के बारे में विस्तृत पृष्ठभूमि संबंधी जानकारी आयोग की प्रथम वार्षिक रिपोर्ट वर्ष 2004-05 और 2005-06 के  अध्याय 1 में दी गयी है।

अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा प्रत्येक सदस्य के कार्यालय की अवधि कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्षों की है। अध्यक्ष को संघ के मंत्रिमंडल मंत्री का रैंक दिया गया है, और उपाध्यक्ष राज्य मंत्री तथा अन्य सदस्य सचिव, भारत सरकार के रैंक के होते हैं।

पहला राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) मार्च, 2004 में गठित हुआ था और श्री कुंवर सिंह, अध्यक्ष (जिन्होंने दिनांक 15-03-2004 को कार्यभार ग्रहण किया), श्री तापीर गाओ, उपाध्यक्ष (जिन्होंने दिनांक 03-03-2004 को कार्यभार ग्रहण किया), श्री लामा लोबजंग (जिन्होंने दिनांक 02-03-2004 को कार्यभार ग्रहण किया), श्रीमती प्रेम बाई मांडवी, (जिन्होंने दिनांक 04-03-2004 को कार्यभार ग्रहण किया) और श्री बुदरू श्री निवासुलु (जिन्होंने दिनांक 11-03-2004 को कार्यभार ग्रहण किया) सदस्य के रूप में शामिल थे। उपाध्यक्ष का कार्यालय श्री तापीर गाओ के पदत्याग करने के परिणामस्वरूप दिनांक 31-03-2004 से रिक्त पड़ा हुआ था और दिनांक 29-05-2006 तक रिक्त था जिस तिथि को श्री गजेन्द्र सिंह राजूखेड़ी ने उपाध्यक्ष के कार्यालय को संभाला। जबकि श्री कुंवर सिंह, अध्यक्ष ने दिनांक 14-02-2007 (अपराह्न) को अपने कार्यालय से पद त्याग किया, पहले आयोग के सदस्यों ने अपनी तीन वर्षों की अवधि को पूरा करने की तिथि से मार्च, 2007 में अपने कार्यालय से पद त्याग किया। श्री गजेन्द्र सिंह राजूखेड़ी ने भी दिनांक 15-05-2007 को उपाध्यक्ष के कार्यालय से पद त्याग किया।

दूसरे आयोग में अध्यक्ष के रूप में श्रीमती उर्मिला सिंह, उपाध्यक्ष के रूप में श्री मोरिस कुजुर, सदस्यों के रूप में श्री छेरिंग सम्फेल तथा श्री वरिस सीय्म मारीयाव शामिल थे। (श्रीमती उर्मिला सिंह ने दिनांक 18-06-2007 को कार्यभार ग्रहण किया और हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल नियुक्त होने के परिणामस्वरूप दिनांक 24-01-2010 को पदत्याग किया), श्री मोरिस कुजुर, उपाध्यक्ष दिनांक 25-04-2008 से लेकर 24-04-2011 तक कार्यालय में रहें, श्री छेरिंग सम्फेल, सदस्य जिन्होंने दिनांक 14-06-2007 को कार्यभार ग्रहण किया तथा दिनांक 13-06-2010 को अपने कार्यालय से पदत्याग किया। उसी तरह श्री वरीस सीय्म मारीयाव, सदस्य जिन्होंने दिनांक 17-04-2008 को कार्यभार ग्रहण किया तथा तीन वर्ष की कार्य अवधि पूरा करने के पश्चात् दिनांक 16-04-2011 को पदत्याग किया।

तीसरे आयोग में, डा. रामेश्वर उरांव ने दिनांक 28-10-2010 को अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण किया, श्रीमती के.कमला कुमारी ने दिनांक 21-07-2010 को सदस्य का कार्यभार ग्रहण किया जबकि श्री भैरू लाल मीणा ने दिनांक 28-10-2010 को सदस्य का कार्यभार ग्रहण किया। आयोग में उपाध्यक्ष तथा एक सदस्य का पद रिक्त पड़ा रहा। श्रीमती के कमला कुमारी अपनी तीन वर्ष की कार्य अवधि पूरा करने के पश्चात् दिनांक 20-07-2013 को कार्यालय से पदत्याग किया, डा0 रामेश्वर उरांव, अध्यक्ष अपनी तीन वर्ष की कार्य अवधि को पूरा करने के पश्चात् दिनांक 27-10-2013 को अपने कार्यालय से पदत्याग किया और श्री भैरू लाला मीणा, सदस्य ने दिनांक 28-10-2013 (पूर्वाह्न) को अपने कार्यालय को पदत्याग किया।

चतुर्थ आयोग में, डा0 रामेश्वर उरांव को अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के रूप में तीन वर्ष की दूसरे सत्र के साथ पुनः नियुक्त किया गया। उसी तरह श्रीमती के.कमला कुमारी और श्री भैरू लाल मीणा को भी आयोग के सदस्य के रूप में तीन वर्ष की दूसरे सत्र के साथ पुनः नियुक्त किया गया। सभी ने दिनांक 01-11-2013 को संबंधित कार्यालय का कार्यभार ग्रहण किया। श्री रवि ठाकुर, एमएलए, हिमाचल प्रदेश विधानसभा को आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। श्री रवि ठाकुर ने दिनांक 14-11-2013 को कार्यभार ग्रहण किया। तथापि, दिनांक 17-07-2014 को श्रीमती के. कमला कुमारी तथा दिनांक 19-08-2014 को श्री और भैरू लाल मीणा का आकस्मिक निधन हो जाने के कारण, आयोग में सदस्यों के तीन पद वर्तमान में रिक्त पड़े हैं। तथा तीन वर्ष की कार्य अवधि पूरा कर दिनांक 30.10.2016 को डा0 रामेश्वर उरांव  एवं श्री रवि ठाकुर ने दिनांक 11.11.2016 को पद त्याग किया।

पाँचवे आयोग में माननीय श्री नन्द कुमार साय ने दिनांक 28.02.2017 को अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। सुश्री अनुसूईयां उईके, उपाध्यक्ष, श्री हरिकृष्ण डामोर, सदस्य तथा श्री हर्षदभाई चुनीलाल वसावा ने दिनांक - 16.01.2017 को पदभार ग्रहण किया। श्री मती माया चिंतामणी इवनाते, सदस्य ने दिनांक 28.03.2017 को पदभार ग्रहण किया।
 

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